हेल्लो दोस्तो, क्या आप जानना चाहते हैं कि “आमंत्रण और निमंत्रण में क्या अंतर होता है? – Amantran Aur Nimantran Me Kya Antar Hai?” तो आप बिलकुल सही ब्लॉग पढ़ रहे हैं क्योंकि इस आर्टिकल में आप पढ़ेंगे – आमंत्रण का मतलब क्या होता हैं? निमंत्रण का मतलब क्या होता हैं या निमंत्रण पत्र से क्या अभिप्राय है? तथा आमंत्रण और निमंत्रण में क्या अंतर होता है? इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े:-
दोस्तो हिंदी में बहुत ऐसे शब्द है जो देखने मे समानार्थक प्रतीत होते हैं, लेकिन इनमे अंतर होता है और अर्थ भी अलग अलग होता हैं। इसी तरह दो शब्द आमंत्रण और निमंत्रण है जो देखने मे समानार्थक प्रतीत होते हैं, लेकिन दोनों का अर्थ अलग अलग होता है। जिसे जानना बहुत जरूरी हैं, वार्ना आप हँसी के पात्र बन सकते हैं। आगे पढ़िये –
आमंत्रण और निमंत्रण में क्या अंतर होता है?
आमंत्रण और निमंत्रण दोनों शब्दों का प्रयोग किसी को बुलाने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। आमंत्रण और निमंत्रण दोनों शब्दों का अंग्रेजी Invitation होता है। लेकिन दोनों शब्दो का मतलब अलग अलग होता है।
आमंत्रण का मतलब क्या होता हैं? Amantran Ka Matlab Kya Hota Hai?
किसी कार्यक्रम में अपने नजदीकी रिस्तेदारों, दोस्तो, पड़ोसियों, प्रतिष्ठित व्यक्तियों एवं गली मोहल्ले के लोगों को बुलाने के लिए आमंत्रण दिया जाता है। जिसमे खाने-पीने की पूर्ण व्यवस्था ना होकर हल्का-फुल्का नाश्ता इत्यादि जरूर हो सकता है, पर पूर्ण खाने का इंतजाम कतई नहीं।
निमंत्रण का मतलब क्या होता हैं? Nimantran Ka Matlab Kya Hota Hai?
किसी शादी विवाह जैसे कार्यक्रम में भाई बिरादरी, अपने नजदीकी रिस्तेदारों, दोस्तो, पड़ोसियों, प्रतिष्ठित व्यक्तियों एवं गली मोहल्ले के लोगों को बुलाने के लिए निमंत्रण दिया जाता है। जिसमे पूर्णतः खाने-पीने की व्यवस्था की जाती है, जो आमंत्रण में नहीं होती है।
आगे उदाहरण से समझिए – जब हम अपने आसपास बैठे व्यक्ति को किसी कार्य के लिए बुलाते हैं तो उस समय आमंत्रण शब्द का प्रयोग किया जाता हैं और जब व्यक्ति आप से कहीं दूर हो और आप खुद जाकर उसे आने के लिए कहते हैं तो उस समय निमंत्रण शब्द का प्रयोग किया जाता हैं।
उदाहरण:- मान लीजिए कि किसी कॉलेज में कोई कार्यक्रम हो रहा है। कार्यक्रम को आरंभ करने से पहले प्रिंसिपल सर संबोधित करेंगे, तो मंच संचालक प्रिंसिपल सर को आमंत्रित करेंगे तथा शादी जैसे कार्यक्रमों में अपने रिस्तेदारों और दोस्तो इत्यादि को निमंत्रण पत्र दिया जाता हैं।
आगे पढ़िये – आमंत्रण और निमंत्रण के बीच अंतर समझने के लिए कुछ और बिंदुओं को समझिए
- आमंत्रण शब्द का प्रयोग किसी विषय विशेष पर विशेष व्यक्ति का बुलाने के लिए किया जाता है।
- निमंत्रण शब्द का प्रयोग किसी अवसर विशेष पर विशेष व्यक्तियों का बुलाने के लिए किया जाता है।
- आमंत्रण में लक्ष्य निर्धारित होता है और लक्ष्य प्राप्त होते ही आमंत्रण समाप्त हो जाता है।
- निमंत्रण में लक्ष्य के साथ लोकाचार (Ethos) भी होता है। लक्ष्य प्राप्ति के बाद उत्सव होता है।
- सभा को संबोधित करने के लिए वक्ता को मंच पर आमंत्रित किया जाता है।
- किसी कार्यक्रम में श्रोता को आमंत्रित किया जाता है।
- सेमिनार / मीटिंग या समाज सेवा के कार्य, कला एवं संस्कृति के आयोजनों में लोगों को आमंत्रित किया जाता है।
- आमंत्रण में हर व्यक्ति के पास एक लक्ष्य (Aim) होता है। वह या तो वक्ता होता है या फिर श्रोता।
- आमंत्रण से व्यक्ति की प्रतिष्ठा (Prestige) जोड़ती है।
आगे पढ़िये – निमंत्रण, आमंत्रण से अलग कैसे है?
- निमंत्रण में सिर्फ शारीरिक उपस्थिति (Physical Appearance) उपयोगी है।
- निमंत्रण में एक आयोजन होता है परंतु प्रत्येक व्यक्ति का लक्ष्य निर्धारित (Determined) नहीं होता।
- निमंत्रण में आयोजन पूर्ण होने पर भोजन इत्यादि के साथ उत्सव (Celebration) मनाया जाता है।
- निमंत्रण सामाजिक मेल मिलाप (Social Reconciliation) के लिए होता है।
- भारत मे निमंत्रण लोकाचार (Ethos) का एक उपकरण है।
- विवाह समारोह (Marriage Ceremony) में निमंत्रण दिया जाता है।
- पारिवारिक कार्यक्रमों (Family events) में निमंत्रण दिया जाता है।
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दोस्तों इस आर्टिकल मैं आपको बताया हूँ – आमंत्रण और निमंत्रण में क्या अंतर होता है? – Amantran Aur Nimantran Me Kya Antar Hai? आमंत्रण का मतलब क्या होता हैं? निमंत्रण का मतलब क्या होता हैं या निमंत्रण पत्र से क्या अभिप्राय है? आशा हैं यह आर्टिकल आपको पसंद आया हैं। इसे अपने दोस्तों रिस्तेदारों के साथ शेयर करे, नीचे कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे। अगर कोई सवाल हो तो नीचे कमेंट में पूछे।