क्या आप भी ढूंढ रहे हैं National Anthem Of India In Hindi, भारत का राष्ट्रीय गान क्या है हिंदी? राष्ट्रगान 52 सेकंड का ही क्यों होता है? तो आप सही बिल्कुल आर्टिकल पढ़ रहे हैं क्योंकि इस आर्टिकल में आज आपको जानकारी मिलने वाला हैं – राष्ट्रीय गान हिंदी में कैसे लिखते हैं? भारत का राष्ट्रगान पहली बार कब गाया गया था? भारत का राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रगान में क्या अंतर है? जन गण मन क्यों लिखा गया था? राष्ट्रगान कौन सी भाषा में लिखा गया है? और राष्ट्रीय गीत को अंग्रेजी में क्या कहते हैं? अतः आगे पूरी आर्टिकल जरूर पढ़े।
National Anthem Of India In Hindi | भारत का राष्ट्रीय गान क्या है हिंदी
भारत का राष्ट्रगान “जन गण मन” देश की सभी राष्ट्रीय महत्व के अवसरों पर गाये अथवा बजाये जाने वाला एक महत्व गान है। यह संस्कृति और विविधता से समृद्ध राष्ट्र की आत्मा और भावना का प्रतीक है। Rashtra gaan kisne likha hai? जिसे प्रसिद्ध कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया है। आगे पढ़िए rashtra gaan in hindi या rashtra gaan lyrics in hindi.
भारत के राष्ट्र गान के संबंध में आदेश
भारत का राष्ट्र गान (National Anthem Of India) विभिन्न अवसरों पर गाया अथवा बजाया जाता है। राष्ट्र गान के सही रूप, वे अवसर जिस पर राष्ट्र गान (Rashtra Gaan In Hindi) गाया अथवा बजाया जाय तथा ऐसे अवसरों पर उचित शिष्टता का पालन करके राष्ट्र गान का सम्मान करने की आवश्यकता के संबंध में समय समय पर अनुदेश जारी किये गये हैं । जनसाधारण की सूचना तथा मार्गदर्शन के लिए अनुदेशों का सार इस प्रकार है:
राष्ट्र गान का पूर्ण रूप क्या है?
स्वर्गीय कवि रवीन्द्र नाथ ठाकुर के जन गण मन (Jana gana mana lyrics) नामक गीत के प्रथम पद के शब्द तथा उनके संगीत – विन्यास से बनी रचना भारत का राष्ट्र गान (bharat ka rashtriya gaan in hindi) है। इस का पाठ इस प्रकार है :-
जन-गण-मन अधिनायक जय हे
भारत भाग्य विधाता।
पंजाब सिन्धु-गुजरात-मराठा
द्राविड़ उत्कल बंग
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा
उच्छल जलधि तरंग
तब शुभ नामे जागे, तब शुभ आशिष मांगे
गाहे तब जय गाथा।
जन-गण-मंगलदायक जय हे भारत भाग्य विधाता।
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।
Rashtra gaan gane ka samay? उपर्युक्त पाठ राष्ट्र गान (National Anthem of India In Hindi) का पूर्ण रूप है और इसे गाने अथवा बजाने में लगभग 52 सेकिण्ड का समय लगना चाहिए।
राष्ट्र गान का संक्षिप्त रूप क्या है?
कुछ अवसरों पर राष्ट्र गान (Rashtra Gaan) की पहली तथा अंतिम पंक्तियों का संक्षिप्त पाठ भी गाया अथवा बजाया जाता है । इसका पाठ इस प्रकार है:-
जन-गण-मन-अधिनायक जय हे
भारत-भाग्य-विधाता।
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे!
संक्षिप्त पाठ को गाने अथवा बजाने में लगभग 20 सैकिंड का समय लगना चाहिए।
जिन अवसरों पर राष्ट्र गान (National Anthem) का पूर्ण अथवा संक्षिप्त पाठ गाया जायेगा उनका संकेत इन अनुदेशों में समुचित स्थलों पर कर दिया गया है।
राष्ट्र गान का वादन क्या है?
राष्ट्र गान का पूरा पाठ निम्नलिखित अवसरों पर बजाया जायेगा:-
- सिविल तथा सैनिक सम्मान समारोहों के अवसर पर;
- जब राष्ट्रीय सिलूट (जिसका तात्पर्य है राष्ट्रीय सलामी सलामी शस्त्र का आदेश जो – राष्ट्र गान के साथ ही दिया जाता है) समारोहों के अवसरों पर राष्ट्रपति को या अपने अपने राज्यों / संघ शासित क्षेत्रों में राज्यपाल और उप राज्यपाल को दिया जाता है;
- परेडों के समय चाहे उपर्युक्त (2) में बताए गए गणमान्य व्यक्तियों में से कोई उपस्थित हो या न हो;
- औपचारिक राजकीय समारोहों तथा सरकार द्वारा आयोजित अन्य समारोहों और मेस समारोहों में राष्ट्रपति के आने पर तथा ऐसे समारोहों से उनके जाते समय;
- आकाशवाणी से राष्ट्र के नाम राष्ट्रपति के संदेश प्रसारित किए जाने से ठीक पहले और बाद में;
- राज्यपाल / उपराज्यपाल के अपने राज्य / संघ शासित क्षेत्र में औपचारिक राजकीय / समारोहों में आने पर और ऐसे समारोहों से उनके जाते समय;
- जब राष्ट्रीय झंडे को परेड में लाया जाए;
- जब रेजीमेंट को निशान प्रस्तुत किए जाएं;
- नौ सेना में ध्वजारोहण के समय।
राष्ट्र गान का संक्षिप्त पाठ मेसों में किसी के सम्मान में पेय पान करते समय बजाया जायेगा।
किसी भी ऐसे अन्य अवसर पर राष्ट्र गान बजाया जायेगा जिसके लिए भारत सरकार ने विशेष आदेश जारी किए हों
सामान्यत: प्रधानमंत्री के लिए राष्ट्र गान नहीं बजाया जायेगा तथापित विशेष अवसर पर प्रधानमंत्री के लिए भी इसे बजाया जा सकता है ।
जब बैंड के साथ राष्ट्रीय गान गाया जाए, तो श्रोताओं को यह ज्ञान कराने के लिए कि राष्ट्रीय गान प्रारम्भ होने वाली है, राष्ट्रीय गान शुरू होने से पहले मृदंग बजाए जाएंगे, जब तक कि ऐसा कोई अन्य विशिष्ट संकेत न हो कि राष्ट्रगान शुरू होने वाला है, उदाहरणार्थ, राष्ट्र गान शुरू होने से पहले बिगुल बजाए जाते हैं, अथवा जब कि राष्ट्र गान के साथ पेय पान किया जाता है अथवा जब राष्ट्र गान गार्ड आफ आनर द्वारा दी गई राष्ट्रीय सलामी के साथ होता है।
मार्चिंग ड्रिल की भाषा में रोल की अवधि धीरे-धीरे मार्चिंग के 7 कदम होंगे। रोल धीरे-धीरे आरंभ होगा, पूरी अवधि तक बढ़ता जाएगा और इसके पश्चात धीरे-धीरे कम होकर पूर्व स्थिति में आ जाएगा, किन्तु 7वीं धुन तक सुनाई देता रहेगा । इस प्रकार राष्ट्र गान के आरम्भ होने से पहले एक धुन का अन्तराल रहेगा।
राष्ट्र गान का सामूहिक रूप से गायन क्या है?
निम्नलिखित अवसरों पर राष्ट्र गान के पूरे पाठ को बजाने के साथ साथ इसे सामूहिक रूप से गाया जायेगा।
- परेडों को छोड़कर अन्य सांस्कृतिक अवसरों अथवा समारोहों पर राष्ट्रीय झंडा फहराए जाने पर (इसका आयोजन समुचित संख्या में गायकों की मंडली की उचित स्थान पर व्यवस्था करके किया जाएगा और इसे इसको बैंड आदि के ताल के साथ गाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जनता के इसे सुनने के लिए पर्याप् व्यवस्थ, पर्याप्त यांत्रिक व्यवस्था होनी चाहए ताकि विभिन्न वार्डों (इन्क्लोजर्स) में एकत्रित जनता इसे गायक मंडली के साथ स्वर में स्वर मिलाकर गा सके।
- किसी सरकारी अथवा सार्वजनिक समारोह में (परन्तु औपचारिक राज्य समारोहों तथा मेसों के समारोहों को छोड़कर) राष्ट्रपति के आने पर तथा ऐसे समारोहों से उनके जाने से तत्काल पहले भी।
उन सभी अवसरों पर जब राष्ट्र गान को गाया जाता है इसे सामूहिक रूप से गाने के साथ इसका पूरा पाठ गाया जायेगा।
उन अवसरों पर जो पूरी तरह औपचारिक न होते हुए भी मंत्रियों आदि की उपस्थिति के कारण महत्वपूर्ण हैं, राष्ट्र गान गाया जा सकता है। ऐसे अवसरों पर किसी वाद्ययंत्र के साथ अथवा उसके बिना, राष्ट्र गान का इसके सामूहिक रूप से गाये जाने के साथ साथ गाया जाना वांछनीय है।
जिन अवसरों पर राष्ट्र गान के गायन की (गान को बजाने से भिन्न) अनुमति दी जा सकती है, उनकी संपूर्ण सूची देना संभव नहीं है किन्तु राष्ट्र गान को इसे सामूहिक रूप से गाये जाने के साथ-साथ गाये जाने में तब तक कोई आपत्ति नहीं है जब तक उसे मातृभूमि की वंदना के रूप में श्रद्धापूर्वक गाया जाए तथा गायन के समय उचित शिष्टता का पालन किया जाए।
सभी विद्यालयों में दिन का कार्य राष्ट्र गान के सहगान से प्रारम्भ होना चाहिए । विद्यालयों के प्राधिकारियों को छात्रों में राष्ट्रीय झंडे के प्रति श्रद्धा बढ़ाने तथा राष्ट्रगान को लोकप्रिय बनाने के लिए अपने कार्यक्रम में समुचित व्यवस्था करनी चाहिए।
विदेशों के राष्ट्रगानों का वादन क्या है?
भारत में विदेशी पदाधिकारियों के जिन स्वागत समारोहों में राष्ट्रीय अभिनंदन करने का विधान है, उनमें आगंतुक विदेशी उच्च पदाधिकारियों के देश के राष्ट्र गान का पूर्ण पाठ पहले बजाया जाना चाहिए और उसके बाद भारत के राष्ट्र गान का पूर्ण पाठ।
भारत स्थित किसी विदेशी राजदूत अथवा कान्सुल प्रतिनिधि द्वारा आयोजित नाटक, फिल्म अथवा सांस्कृतिक उत्सवों पर संबद्ध देश का राष्ट्र गान भारत के राष्ट्रगान के साथ बजाया जा सकता है। विदेशी राष्ट्र गान पहले बजाना चाहिए और उसके तत्काल बाद भारत का राष्ट्रगान।
विदेशी राजदूतावासों द्वारा उनके राष्ट्रीय दिवस मनाने के लिए आयोजित समारोहों में आयोजक देश का राष्ट्र गान बजाया या गाया जाए। इन अवसरों पर यदि भारत के राष्ट्रपति का प्रतिनिधित्व किसी ऐसे मुख्य अतिथि द्वारा किया जाता है जो केन्द्रीय सरकार के मंत्रिमंडल के मंत्री के स्तर से नीचे के न हों अथवा समारोह दिल्ली में होने की स्थिति में यदि प्रतिनिधित्व दिल्ली के उप राज्यपाल द्वारा किया जाता है तो भारत का राष्ट्र गान पहले बजाया जाएगा और इसके तुरन्त बाद आयोजक राष्ट्र का राष्ट्र गान बजाया जायेगा।
यह प्रक्रिया उन समारोहों के अवसर पर भी अपनाई जाएगी जिसमें राज्याध्यक्षों को टोस्ट प्रस्तावित करना हो अर्थात भारत का राष्ट्र गान भारत के राष्ट्रपति को टोस्ट प्रस्तावित करने के तुरन्त बाद बजाया जाएगा और विदेशी देश का राष्ट्र गान उक्त देश के राज्याध्यक्ष को टोस्ट प्रस्तावित करने के तुरन्त बाद बजाया जाएगा। अगर समारोह के प्रारम्भ में भारत और आयोजक देश के राष्ट्र गान बजाए जा चुके हैं तो किसी प्रकार के टोस्ट प्रस्तावित करने की स्थिति में किसी एक अथवा दोनों देशों के राष्ट्र गान बजाने की आवश्यकता नहीं है।
नोट:- विदेशी राष्ट्र गान के ठीक पहले या बाद में जब राष्ट्र गान बजाया जाना अपेक्षित हो जैसा कि उपर्युक्त भाग 4 में निर्धारित है, तो राष्ट्र गान साथ साथ नहीं गाया जाना चाहिए। यदि देशों में आने वाला गणमान्य व्यक्ति और उसका शिष्ट मंडल अपना राष्ट्र गान गा रहे हौ तथा राष्ट्र गान दूसरे देश के राष्ट्र गान के तत्काल पहले या बाद में बजाया जाता है। तो राष्ट्र गान का सामूहिक रूप से गाया जाना अपेक्षित है।
राष्ट्र गान के सम्बन्ध में सामान्य जानकारी
राष्ट्रगान के संबंध में सामान्य जानकारी इस प्रकार है:
- जब कभी राष्ट्र गान का गायन अथवा वादन हो तब श्रोतागण सावधान होकर खड़े रहें। किन्तु जब समाचार दर्शन अथवा वृत्त चित्र के दौरान राष्ट्र गान फिल्म के अंश के रूप में बजाया जाता है तो दर्शकों से खड़े होने की अपेक्षा नहीं की जाती क्योंकि खड़े होने से राष्ट्र गान के गौरव में वृद्धि होने की अपेक्षा फिल्म के प्रदर्शन में बाधा पड़ती है और अशांति तथा गड़बड़ उत्पन्न होती है।
- राष्ट्रीय ध्वज के फहराए जाने की तरह यह भी लोगों के विवेक पर छोड़ दिया गया है कि वे राष्ट्र गान को मनमाने ढंग से न गाएं- बजाएं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
राष्ट्रगान 52 सेकंड का ही क्यों होता है?
Rashtra gaan gane ka samay: राष्ट्र गान (National Anthem) का पूर्ण रूप गाने अथवा बजाने में लगभग 52 सेकिण्ड का समय लगना चाहिए और विशेष अवसर पर संक्षिप्त पाठ को गाने अथवा बजाने में लगभग 20 सैकिंड का समय लगना चाहिए।
राष्ट्रगान किसने लिखा था?
Rashtra gaan kisne likha hai: राष्ट्रगान स्वर्गीय कवि रवीन्द्र नाथ ठाकुर लिखा था।
भारत का राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रगान में क्या अंतर है?
किसी देश का राष्ट्रगान वह गीत होता है जो उस देश की सभी राष्ट्रीय महत्व के अवसरों पर अनिवार्य रूप से गाया जाता है जबकि राष्ट्र गीत हर उस अवसर पर गाना अनिवार्य नहीं है। भारत का राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम” है जबकि राष्ट्रगान “जन-गण-मन अधिनायक जय हे” है।
जन गण मन क्यों लिखा गया था?
इतिहासकारों और जानकारों के अनुसार जन गण मन गीत को रवीन्द्र नाथ ठाकुर (Rabindranath Tagore) ने 1911 में लिखा था। तब अधिनायक शब्द का इस्तेमाल उन्होंने अंग्रेजों के दबाव में ब्रिटिश किंग जॉर्ज पंचम द्वितीय (George V II) और उनकी पत्नी क्वीन मैरी (Queen Mary) के भारत आने पर उनके स्वागत में लिखा था।
भारत का राष्ट्रगान पहली बार कब गाया गया था?
भारत का राष्ट्रगान पहली बार इसे पहली बार 27 दिसंबर 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता सत्र में गाया गया था। इसे पहली बार 27 दिसंबर 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता सत्र में गाया गया था। “जन गण मन” को भारतीय राष्ट्रगान के रूप में आधिकारिक रूप से 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था।
राष्ट्रीय गीत को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?
राष्ट्रीय गीत को अंग्रेजी में National Anthem कहते हैं।
राष्ट्रगान कौन सी भाषा में लिखा गया है?
भारत का राष्ट्रगान जन-मन-गण मूलतः बंगाली भाषा में रबिन्द्र नाथ टैगोर ने लिखा था। जिसे हिंदी और अन्य भाषाओ में भी अनुवाद किया गया है।
देश के राष्ट्रगान में कितनी नदियों के नाम आते हैं?
देश के राष्ट्रगान में गंगा और यमुना दो नदियों के नाम आते हैं।
राष्ट्रगान में कितने राज्यों का नाम आता है?
राष्ट्रगान में पंजाब, सिंधु, गुजरात, मराठा, द्रविड़, उत्कल और बंग 7 राज्यों का नाम आता है।
जन गण मन Full Lyrics in Hindi PDF Download
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