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SEO क्या है और कैसे करते हैं – सीखे और कमाए लाखों रुपए प्रति महीने – What is SEO in Hindi

अगर आप अपने ब्लॉग/वेबसाइट के लिए SEO सीखना चाहते हैं तो आप एक दम सही ब्लॉग पढ़ रहे हैं क्योंकि इस आर्टिकल में SEO क्या है? अपने ब्लॉग/वेबसाइट को SEO कैसे करे कि पूरी जानकारी मिलने वाला हैं। आप यहाँ 100% अपने ब्लॉग को SEO करना सीख कर जाएंगे। इसलिए पूरी आर्टिकल अंत कर पढ़े। यदि पूरी आर्टिकल नही पढ़ना चाहते तो अभी ही इस पेज को छोड़ दें क्योंकि आधी अधूरी जानकारी आपके ब्लॉग के लिए हानिकारक हो सकता हैं। इसलिए अंत तक पूरी आर्टिकल पढ़े:-

आइये आगे की कहानी शुरू करते हैं:- दोस्तों, जैसा कि आप जानते हैं कि इंटरनेट पर करोड़ो अरबो वेबसाइट हैं। उनमे से अपनी जरूरत की चीजें कैसे ढूढेंगे

उदाहरण से समझिए:- मान लीजिए आप ऑनलाइन पैसा कमाना चाहते हैं, तो आप क्या करते हैं? जिसके लिए इंटरनेट पर आप जाएंगे जहाँ लाखो करोड़ो अरबो वेबसाइट हैं। आप कहाँ ढूंढेंगे कि – ऑनलाइन पैसा कमाने का तरीका – online paise kamane ka tarika कहाँ लिखा हैं। एक एक वेबसाइट में जा कर ढूंढना मुश्किल ही नही, नामुमकिन हैं। ऐसी स्थिति में हम सर्च इंजन जैसे- Google का मदद लेते हैं और सर्च करें:- ऑनलाइन पैसा कमाने का तरीका या online paise kamane ka tarika तो आपका रिजल्ट देखने को मिल जाता हैं।

आगे इस आर्टिकल हमे जानेंगे कि सर्च इंजन क्या हैं? और सर्च इंजन कैसे काम करता हैं? पहले हम समझे हैं कि SEO क्या हैं?

SEO क्या है? SEO Kya hai? What is SEO in Hindi?

SEO का Fullform होता हैं Search Engine Optimization. SEO एक ऐसा प्रक्रिया है, जिसके द्वारा किसी भी ब्लॉग/वेबसाइट को सर्च इंजन के टॉप पर लाया जाता हैं। SEO तकनीक का प्रयोग कर किसी भी ब्लॉग/वेबसाइट पर ज्यादा से ज्यादा ट्रैफिक लाया जा सकता है।
उदाहरण से समझे: मानलीजिए आप गूगल में कोई कीवर्ड सर्च करते हैं जैसे – ऑनलाइन पैसा कमाने का तरीका – online paise kamane ka tarika तो उसका परिणाम जो पहले पेज पर आएगा तो आप कह सकते है की इस ब्लॉग/वेबसाइट का SEO बहुत अच्छा किया गया है। इस तकनीक का प्रयोग कर आपको भी अपने ब्लॉग/वेबसाइट पर अधिक से अधिक ट्रैफिक लाना होगा।

SEO कैसे काम करता हैं? Seo kaise kam karta hai In Hindi

जब आप किसी कीवर्ड को गूगल या सिकी भी सर्च इंजन में सर्च करते है तो सर्च सबसे पहले लोकप्रिय ब्लॉग/वेबसाइट पहली पेज पर दिखता हैं
उदाहरण से समझे:- मानलीजिए आप ऑनलाइन पैसा कमाने का तरीका ढूंढ रहे हैं, तो गूगल में सर्च करेंगे online paise kamane ka tarika, अब गूगल को पता हैं कि यह कीवर्ड कहा कहा हैं। गूगल पर ऐसा कीवर्ड हजारो लाखों की संख्या में हो सकता हैं। अब सबको तो एक साथ दिखा नही सकता हैं इसलिए सबसे पहले गूगल लोकप्रिय ब्लॉग/वेबसाइट को खोजेगा जो ज्यादा विश्वसनीय हो। उसके बाद परिणाम आपके सामने दिखायेगा। SEO कोई मानव नहीं है ये तो बस अपने Algorithm के नियम पर ही काम करता है।
आगे इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि कीवर्ड क्या हैं? और कीवर्ड कैसे काम करता हैं? पहले हम समझते हैं कि सर्च इंजन क्या हैं? और सर्च इंजन कैसे काम करता हैं?

सर्च इंजन क्या है? Search Engine Kya hai?

What is Search Engine In Hindi – अगर आसान भाषा मे समझे कि सर्च इंजन क्या हैं तो कुछ इस तरह समझते हैं. सर्च मतलब खोजना और इंजन मतलब यंत्र यानी बोले तो खोजने का यंत्र/मशीन. यदि मशीन को कंप्यूटर टेक्नोलॉजी के भाषा मे बोले तो प्रोग्राम या टूल। इससे स्पष्ट होता हैं की इंटरनेट की दुनिया मे खोजने की प्रोग्राम/टूल को सर्च इंजन कहते हैं। दुसरे शब्दों में बोले तो सर्च इंजन एक ऐसा सॉफ्टवेयर प्रोग्राम या स्क्रिप्ट है जो यूजर के खोजे जाने वाले कीवर्ड (वो शब्द जिसके बारे में ढूढ़ना चाहे) तक आसानी से पहुँचाने का कार्य करता है। इसके लिए आपको अपने कंप्यूटर , लैपटॉप , मोबाइल , टेबलेट पर एक वेब ब्राउज़र की ज़रुरत पड़ेगी। गूगल, बिंग, इण्डेक्स, याहू  इत्यादि लोकप्रिय सर्च इंजन हैं।
सर्च इंजन के पास लाखो वेबसाइट का डाटा इकट्ठा होता है। मतलब जितने लोग ब्लॉग/वेबसाइट बनाते हैं, उन्हें अपने ब्लॉग/वेबसाइट को सर्च इंजन में प्रस्तुत करना होता है. जैसे ब्लॉग/वेबसाइट को गूगल में प्रस्तुत करने ने Google search console बनाया हैं।

सर्च इंजन कैसे काम करता है

दोस्तो, कोई भी सर्च इंजन तीन चरणों में काम करते हैं।

  1. Crawling
  2. Indexing
  3. Ranking

दुनिया में सबसे ज्यादा लोग Google Search Engine का प्रयोग करते हैं इसलिए हम यहाँ पर Google के Search Engine के बारे में बात करेंगे–

Step:-1. Crawlingगूगल सर्च इंजन के लिए Google search console में जितने भी ब्लॉग/वेबसाइट प्रस्तुत किया जाता हैं उन सबको आर्टिफिशियल रोबोट से crawl यानी review किया जाता हैं।

Step:-2. Indexingअब आर्टिफीसियल रोबोट द्वारा जितने भी ब्लॉग/वेबसाइट को crawl किया जा चुकी हैं उन्हें अपने सर्वर में Index कर लेता हैं।

Step:-3. Rankingअब अगले काम उन रोबोट का हैं यदि कोई उपयोगकर्ता google search box में कोई कीवर्ड सर्च करता है तो Index किये गए ब्लॉग/वेबसाइट में से सबसे लोकप्रिय और विश्वसनीय वेब पेज को authority के आधार पर search engine result page (SERP) में दिखता हैं इस प्रक्रिया को Ranking कहते हैं।

वैसे में गूगल में ब्लॉग/वेबसाइट की रैंकिंग के लिए 200 कारक सुनिश्चित किया हैं लेकिन जो बहुत आवश्यक हैं उसका नीचे हम चर्चा करेंगे।

दोस्तों अब तक हम पूरी तरह समझ चुके हैं कि सर्च इंजन क्या हैं? सर्च इंजन कैसे काम करता हैं? साथ ही साथ हम यह भी समझ चुके हैं कि SEO क्या हैं? और SEO कैसे काम करता हैं?

अब आइये हम आगे समझने की कोशिश करते हैं कि अपने ब्लॉग/वेबसाइट को Google search engine में Top पर कैसे रैंक करा सकते हैं। ब्लॉग को Google search engine में Top पर लाने के लिए हमे पहले SEO कितने प्रकार के होते हैं के बारे में जानना होगा।

SEO कितने प्रकार के होते हैं? Types of SEO in Hindi

SEO मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं –1. On page SEO2. Off page SEO3. Technical SEO.
दोस्तों आइये हम एक एक कर समझते हैं कि On page SEO क्या हैं? On page Seo कैसे काम करता हैं? Off page SEO क्या हैं? Off page Seo कैसे काम करता हैं? Technical SEO क्या हैं? Technical Seo कैसे काम करता हैं?

On page SEO क्या हैं? On page SEO Kya hai?

दोस्तों जब हम अपने ब्लॉग/वेबसाइट और ब्लॉग के प्रत्येक पोस्ट को Google के Search engine के हिसाब से optimize करते हैं तो इस प्रक्रिया को On Page SEO कहते हैं।

अपने ब्लॉग/वेबसाइट के पोस्ट को Google के सर्च इंजन में टॉप पर रैंक कराने के लिए On -page SEO में हम अपने ब्लॉग/वेबसाइट के content, design, linking structure, speed को optimize करते हैं।

अपने ब्लॉग/वेबसाइट का On Pagr SEO बेहतर बनाने के लिए On Page SEO में वो कौन -कौन से कारक हैं नीचे ध्यान से पढ़े वार्ना सब गड़बड़ी हो सकता हैं।

Keyword Research

दोस्तो On Page SEO को बेहतर बनाने के लिए सबसे जरूरी कारक हैं Keyword Research। Keyword Search क्या हैं? Keyword Search कैसे करते हैं जानने से पहले यह जानिए की Keyword क्या हैं?

अपने ब्लॉग के लिए किसी भी टॉपिक पर पोस्ट लिखने से पहले हमें यह जान लेना चाहिए कि इस टॉपिक को सर्च इंजन google में लोग क्या लिखकर सर्च करते हैं। जैसे:-मानलीजिए आपको ब्लॉग क्या हैं? ब्लॉग कैसे बनाये के बारे में जानकारी चाहिए तो आप गूगल में सर्च कीजियेगा Blog Kya hai? या Blog Kaise Banaye? इन्ही शब्दो को Keyword कहते हैं जो google search box में सर्च किया जाता है. और इस टॉपिक की जानकारी लेने वाले की यानी Blog Kya hai? या Blog Kaise Banaye? Keyword की डिमांड कितनी हैं को पता लगाना Keyword Research कहते हैं। Keyword Research से हमे यह पता लगता हैं कि जिस टॉपिक पर हम पोस्ट लिख रहे हैं जब मेरा पोस्ट गूगल में रैंक करेगा तो ट्रैफिक लगभग कितनी आने वाली हैं।

Keyword Research करने के लिए नीचे कुछ tools है जिसका आप मदद ले सकते हैं।

Free keyword Research Tool

  • Google keyword planner
  • Ubbersuggest

Paid keyword Research Tool

  • Ahref
  • Semrush
  • KeywordEverywhere

दोस्तों, कीवर्ड क्या हैं और कीवर्ड कैसे रिसर्च करते हैं के बारे में आप तो समझ चुके हैं अब अगला स्टेप हैं

Title, Meta or Url में keyword का प्रयोग

जैसा कि मैं पहले ही ऊपर बात चुके हैं गूगल आपके ब्लॉग को आर्टिफिशियल रोबोट से crawl यानी review करता हैं और गूगल के रोबोट की नजर पोस्ट के Tittle, Meta Description और URL पर पड़ती हैं। जिससे वह जानने की कोशिश करता हैं कि आपका पोस्ट किस टॉपिक पर लिखा गया हैं। Google के Result Page पर यही तीनो दिखाई देता हैं। इसलिए अपने Main Keyword को इन्ही तीनो जगह प्रयोग करे ताकि गूगल के रोबोट आसानी से समझ सके।
पोस्ट के Tittle को आकर्षक बनाये ताकि विजिटर ज्यादा से ज्यादा आपके टाइटल पर क्लिक करें। इससे आपका CTR भी बढ़ता हैं।
पोस्ट टाइटल में अधिकतम 65 Words का प्रयोग करें क्योंकि 65 Words के बाद गूगल सर्च इंजन में Tittle Tag नही दिखता हैं ।

Heading (H1, H2), Paragraphs में Keyword का प्रयोग

ब्लॉग/वेबसाइट में पोस्ट का Tittle Default रूप से H1 Heading होता हैं। जिसमे आपको Keyword का प्रयोग करना हैं और साथ ही साथ H2 Heading में भी Keyword का प्रयोग करना हैं। प्रथम पैराग्राफ और अंतिम पैराग्राफ में भी Keyword का प्रयोग करना हैं।

keyword density

पोस्ट/आर्टिकल में कुल कीवर्ड कितनी बार प्रयोग किया गया हैं उसे keyword density कहते हैं। गूगल में पोस्ट रैंक करने के लिए keyword density का भी महत्वपूर्ण योगदान होता हैं। बिना मतलब के जबरदस्ती Keyword का प्रयोग नही करे नही तो गूगल आपके पोस्ट को रैंक नही करेगा। इसलिए सिर्फ जरूरी Keywords का ही प्रयोग करें। आपके पोस्ट/आर्टिकल में जितने भी शब्द हैं उसके 2% तक ही Keyword का प्रयोग करें।
पोस्ट लिखते समय एक बात की ध्यान जरूर रखें कि एक ही कीवर्ड को बार बार प्रयोग नही करे। अपने Main Keyword के Related Keyword का भी प्रयोग करें क्योंकि की गूगल सर्च इंजन में लोग एक ही सवाल को अलग अलग तरीके से सर्च करते हैं। इसलिए Main Keyword के साथ साथ कही कही Related Keyword का भी प्रयोग करें। साथ ही LSI keyword का भी इस्तेमाल जरूर करें।

Internal और Outbound Linking

  • Internal Linking: अपने ही ब्लॉग/वेबसाइट के किसी दूसरे पोस्ट को लिंक के साथ जोड़ना Internal Link ing कहलाता हैं। Internal Linking जोड़ने से आपके विजिटर को कही और जाने की जरूरत नही पड़ता हैं। एक ही पोस्ट से कई पोस्ट पढ़ा जा सकता हैं। इससे आपके ब्लॉग के अन्य पोस्ट भी रैंक करने में मदद मिलता हैं और गूगल भी ऐसे पोस्ट को पसंद करता हैं। इसलिए पोस्ट लिखते समय उस पोस्ट से संबंधित पोस्ट का भी लिंक जोड़े।
  • Outbound Linking:- अपने ब्लॉग के अलावे दूसरे ब्लॉग के पोस्ट का लिंक जोड़ना Outbound Linking कहते हैं। इससे आपके ब्लॉग पर विजिटर को बेहतरीन जानकारी मिलती हैं।

किसी दूसरे ब्लॉग के Outbound Linking देने पहले उस ब्लॉग/वेबसाइट के DA, PA, और Spam Score जरूर चेक कर लें नही तो आपके ब्लॉग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता हैं।

Image Optimize

अपने ब्लॉग पोस्ट के प्रत्येक पोस्ट में इमेज का प्रयोग करे। इससे आपके विजिटर को पोस्ट के बारे में समझने में मदद मिलेगा और इमेज से भी ब्लॉग पर ट्रैफिक आएगा।
इमेज का प्रयोग Resolution और Size कम करके करें ताकि आपके वेबसाइट/ब्लॉग के लोडिंग स्पीड पर ज्यादा प्रभाव नही पड़े। Resolution और Size ज्यादा होने पर ब्लॉग लोडिंग स्पीड घटा जाता हैं जिससे विजिटर ब्लॉग छोड़ कर भाग जाते हैं। जो ब्लॉग के लिए नकारात्मक पॉइंट है।मेरा Recommend Images Resolution Ratio 320×180 या 480×270 और Size approx 20 kb या >50 kb. Image को हमेशा Rename करके वहां भी Main Keyword या उससे संबंधित keyword को डालें और पोस्ट में अपलोड करते समाय भी Alt Text में कीवर्ड का प्रयोग करें।

Quality content

दोस्तो ऑनलाइन ब्लॉगिंग में वही सफलता पा सकता हैं जिसके पोस्ट/आर्टिकल में दम हो। इसलिए अपने ब्लॉग के लिए पोस्ट लिखने से पहले उस टॉपिक के बारे में अच्छी तरह से रिसर्च करें ताकि विजिटर को पूरी जानकारी मिले। आर्टिकल में आसान भाषा/शब्दों का प्रयोग करे ताकि विजिटर को समझने में कोई परेशानी नही हो।

Off -page SEO क्या हैं? Off Page Seo Kya hai in Himdi? 

जब हम अपने वेबसाइट को बाहर के वेबसाइट से प्रमोट करते हैं उसे Off Page SEO कहते हैं। इससे DA (Domain Authority) बढ़ती हैं। DA बढ़ने से गूगल में रैंक करने में मदद मिलती हैं।

On Page SEO में ब्लॉग के अंदर के आर्टिकल और डिज़ाइन को ऑप्टिमाइज़ करते हैं लेकिन Off Page Seo ब्लॉग के लिंक को दूसरे वेबसाइट पर जोड़ते हैं और साथ ही साथ सोशल मीडिया पर भी शेयर करते हैं।

अपने ब्लॉग/वेबसाइट के डोमेन या लिंक को अपने ही ऐसा ब्लॉग में जोड़ें।

Off Page SEO में अपने ब्लॉग के डोमेन या लिंक को दूसरे वेबसाइट पर जोड़ने से पहले DA PA जरूर चेक कर लें।

जब किसी दूसरे के वेबसाइट पर अपने वेबसाइट का लिंक जोड़ते है तो आपको दो तरह के लिंक मिलते हैं एक Do-follow और दूसरा No-follow

Do-follow का मतलब हुआ वह वेबसाइट आपके ब्लॉग को गूगल में रैंक करने के लिए सिफारिश करता हैं। इसलिए गूगल के रोबोट आपके ब्लॉग को सर्च रैंकिंग में ऊपर रखेगा।

No-follow का मतलब हुआ वह वेबसाइट आपके ब्लॉग को गूगल में रैंक करने के लिए सिफारिश नही करता हैं। इसलिए गूगल के रोबोट आपके ब्लॉग को इग्नोर करता हैं।
दूसरे के वेबसाइट में अपना वेबसाइट लिंक करने को टेक्निकली बैकलिंक कहते हैं।

#Guest Post अपने ब्लॉग से संबंधित गूगल में ऐसे पॉपुलर ब्लॉग को सर्च करे, जो गेस्ट पोस्ट स्वीकार करते हो। आपको एक बढ़िया से आर्टिकल लिखकर उनके पास भेजना हैं। वे आपके आर्टिकल को रिव्यु कर आपके पोस्ट को अपने ब्लॉग पर पुब्लिक करेंगे और अपने ब्लॉग पर आपको एक ब्लैकलिंक भी देंगे।

#Blog Commenting अपने ब्लॉग पर ट्रैफिक लाने के लिए और ब्लैकलिंक बनाने के लिए अपने ब्लॉग से संबंधित किसी दूसरे बड़े ब्लॉग पर एक अच्छा कमेंट करें और वहाँ अपने ब्लॉग के लिंक जोड़ दे। लेकिन अधिकांश ये nofollow ब्लैकलिंक होते हैं। लेकिन आपको चिंता नही करना हैं 100% dofollow ब्लैकलिंक नही बनाने हैं। 20% आपको nogollow ब्लैकलिंक भी बनाने हैं। ताकि dofollow और nofollow बैकलिंक संतुलन में रहे। यही गूगल भी कहता हैं।

#Web Forum दोस्तों बहुत सारे वेबसाइट हैं जहाँ प्रश्न पूछे और जवाब दिए जाते हैं। लोगो के बीच ढेर सारा डिस्कशन होता हैं। आप भी अपने ब्लॉग से संबंधित वेब फोरम को जॉइन करें और वहाँ अपने ब्लॉग के लिंक जोड़े। वहां पर सिर्फ अपने ब्लॉग और पोस्ट का लिंक ही नही जोड़े बल्कि वहां लोगों के साथ कम्युनिकेशन बनाये, लोगो से प्रश्न करें और उनके प्रश्न का जवाब भी दे। ऐसा करने से अधिक सम्भव की Dofollow बैकलिंक के साथ ट्रैफिक भी मिलेगा।

#Competitor Analysis दोस्तो बैकलिंक बनाने का एक और बढ़िया तरीका हैं। अपने टॉपिक से संबंधित ब्लॉग को गूगल में सर्च करो और उनका बैकलिंक चेक करें। फिर आप भी उस ब्लॉगर की तरह बैकलिंक बनाने का प्रयास करो।

Ahref , SEO REVIEW TOOLS etc का प्रयोग करबैकलिंक चेक कर सकते हैं।

#Social Media दोस्तो जैसा की आप जानते हैं – facebook, Instagram,Twitter और linkedin कितने पॉपुलर सोशल मीडिया प्लेटफार्म हैं। यहाँ लोग करोड़ो में प्रतिदिन विजिट करते हैं। आपको भी इन सभी प्लेटफार्म पर अपने ब्लॉग से संबंधित पेज बनाना होगा और अपने पोस्ट के लिंक शेयर करना होगा। ऐसा करने से आपके ब्लॉग के ट्रैफिक काफी अधिक बढ़ सकता हैं। साथ ही साथ गूगल भी यह देखता है कि आपका ब्लॉग सोशल मीडिया पर कितना पॉपुलर हैं। पॉपुलर ब्लॉग को गूगल में रैंकिंग में काफी मदद मिलता हैं।

Technical SEO क्या हैं? Technical Seo Kya hai In hindi

दोस्तों, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट हो जा रहा हैं कि Technical SEO में टेक्निकल बिन्दुओ को ध्यान में रख कर ब्लॉग को ऑप्टिमाइज़ किया जाता हैं।

  1. Blog Loading Speed
  2. Blog Security

#Blog Security दोस्तों अगर बात करें ब्लॉग सुरक्षा के तो हो सकता हैं कि आपके आर्टिकल को कोई कॉपी कर सकता हैं या कोई हैक कर सकता हैं या फिर को स्पैम कमेंट कर सकता हैं क्योंकि बढ़ते हुए ऑनलाइन बिज़नेस में ऐसा देखा जा रहा हैं। इसलिए हमें पहले से ही चौकना रहना होगा।आजकल जैसे -जैसे ऑनलाइन बिज़नेस तरफ लोगों रुझान हो रहा है तो वहीँ आपके वेबसाइट की Security के लिए काफी खतरा बन चूका है। इसके लिए आप wordpress पर cache plugins का प्रयोग कर सकते हैं।

#Loading speed गूगल में रैंक करने के लिए एक और महत्वपूर्ण फैक्टर हैं आपके ब्लॉग के डोमेन या ब्लॉग पोस्ट के लिंक कितना देर में खुलता हैं। अतः अपने ब्लॉग के लोडिंग स्पीड तेज रखना होगा। अगर आपका ब्लॉग 3 से 5 सेकंड में खुल जाता हैं तो बहुत अच्छा हैं। इसके लिए अपने ब्लॉग में Image Compress करके प्रयोग करें और ज्यादा जटिल कोड वाला theme का प्रयोग नही करे। बेकार के कंटेंट और डेटा को अपने ब्लॉग से हटा दे।
दोस्तों, जैसा कि मैं पहले ही बता चुका हूँ Google search console में सबमिट किये गए ब्लॉग को गूगल के आर्टिफिशियल रोबोट द्वारा Crawling किया जाता हैं और फिर Index कर गूगल के सर्वर पर अपलोड किया जाता हैं। बाद में search result page में दिखाई देता है। परिणाम स्वरूप आपके ब्लॉग पर ट्रैफिक आता हैं। लेकिन अब आपको चेक करते रहना है कि क्या गूगल में आपका ब्लॉग सबमिट हुआ हैं या नही, क्या गूगल आपके पोस्ट को हमेशा index कर रहा हैं या नही। इसलिए समय-समय google search console में अपने अकाउंट को खोल कर डाटा को Analyze जरूर करते रहे।

SEO क्यों जरुरी हैं? 

दोस्तों, अपने अभी तक समझ चुके हैं कि SEO क्या हैं और SEO कितने प्रकार के होते हैं।
आइये अब हम जानते हैं कि SEO क्यों जरुरी हैं?

Free Organic Traffic

जैसा कि हम सब जानते हैं किसी भी सवाल का जवाब ढूढ़ने के लिए या किसी विषय के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए सर्च इंजन जैसे:- Google का प्रयोग लगभग पूरी दुनिया करती हैं। जिस टॉपिक पर आपका ब्लॉग बना हैं या जिस टॉपिक पर आप पोस्ट लिखे हैं उस कीवर्ड को या उससे सम्बंधित कीवर्ड को गूगल में सर्च किया जाता हैं। जिससे सर्च परिणाम में आपका भी पोस्ट ऊपर आएगा हैं और विजिटर उस पर क्लिक कर आपके ब्लॉग तक पुहंच जाएंगे। जिससे आपको मुफ्त में ट्राफिक मिलेगा।

Targeted Traffic

जब गूगल सर्च से आपके ब्लॉग पर कोई विजिटर आता हैं और उसको सटीक जवाब/जानकारी मिल जाती हैं तो वह विजिटर आपके ब्लॉग के प्रति आकर्षित हो जाता हैं तथा उसे जानकारी के लिए सीधे आपके ब्लॉग डोमेन को खोल कर आपके ब्लॉग पर आने लगता हैं। जिससे वह आपका परमानेंट विजिटर बन जाता हैं। इस अलावे आपके ब्लॉग को प्रोमोट करने के लिए एक कोई अलग से पैसा खर्च नही करना पड़ता हैं।

SEO करने के Techniques

SEO करने के दो टेक्निक हैं

  • White Hat SEO
  • Black Hat SEO

White Hat SEO Technique

गूगल के गाइडलाइन के अनुसार अपने ब्लॉग के पोस्ट आर्टिकल को ऑप्टिमाइज़ करना White SEO कहलाता हैं

Black Hat SEO Technique

जब गूगल के गाइडलाइन को चकमा दे कर अपने ब्लॉग पोस्ट को SEO कर रैंक करते हैं, उसे Black Hat Seo कहते हैं। इसमें कुछ लोग गलत तरीके से ब्लैकलिंक बना लेते हैं। कंटेंट से ज्यादा कीवर्ड जोड़ना भी इसी में शामिल हैं। आपका ब्लॉग कुछ समय के लिए रैंक तो कर जाता हैं लेकिन गूगल आपके चालाकी को पकड़ लेगा और ब्लॉग पर बुरा प्रभाव पड़ सकता हैं। यहाँ तक आपके ब्लॉग को गूगल द्वारा penelize किया जा सकता हैं।

SEO और SEM में क्या अंतर है?

काफी बार लोग इन दो शब्दों में कंफ्यूज रहते हैं की SEO और SEM में क्या main difference होता है? तो चलो समझते हैं।

#SEOजैसा कि ऊपर मैं बता चुका हूँ SEO का मतलब Search Engine Optimization हैं। इसके जरिए अपने ब्लॉग और ब्लॉग पोस्ट को ऑप्टिमाइज़ कर मुफ्त में ट्रैफिक ला सकते हैं। इसमे को पैसा खर्च करने की जरूरत नही होती हैं

#SEM का मतलब Search Engine Marketing हैं। इसमे अपने ब्लॉग को प्रोमोट करने के लिए गूगल पर अपने ब्लॉग से संबंधित ad comapaign चलना पड़ता हैं। ad compaign के लिए एक गूगल ने Google ads प्लेटफार्म बनाया हैं। जहाँ आप पैसा दे कर अपने ब्लॉग को प्रोमोट कर सकते हैं।

अंतिम शब्द

दोस्तों, आशा हैं पूरी आर्टिकल पढ़ने के बाद आप पूरी तरह समझ चुके होंगे कि SEO क्या हैं? Seo Kya hai? What is SEO in Hindi?, SEO कैसे काम करता हैं? How to work Seo in Hindi, Search Engine Kya hai, Keyword Search Kya hai और SEO से जुड़े हर जानकारी भी आपको मिल चुका होगा। नीचे कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे। अगर आपका हमारे पोस्ट या ब्लॉग से संबंधित कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट जरूर करें। ब्लॉगिंग और इंटरनेट से ऑनलाइन घर बैठे पैसा कमाने के टिप्स और ट्रिक के लिए के हमारे ईमेल newsletter को Subscribe और Facebook पेज को जरूर लाइक करें. धन्यवाद

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